मेरे बाबा मेरे महाकाल: शिव भजन (Mere Baba Mere Mahakal)

देवों के महादेव है कालों के ये काल,

दुनिया की बुरी नजरों से रखते मेरा ख्याल,

दुनिया की बुरी नजरों से,रखते मेरा ख्याल,

मेरे बाबा मेरे भोले,

मेरे महाकाल ॥


विनती यही है बाबा कृपा बनाए रखना,

मतलब की है यह दुनिया यहां कोई नहीं अपना,

माता पिता तुम ही हो मैं हूं तुम्हारा लाल,

मुझको गले लगा कर रखना मेरा ख्याल,

मेरे बाबा मेरे भोले,

मेरे महाकाल ॥


झूठी है सारी दुनिया सच्चा है तेरा द्वारा,

तेरे सिवा ए बाबा कोई नहीं हमारा,

आए जो कोई संकट तो देना उसे टाल,

पल पल गिराती दुनिया बस लेना तू संभाल,

मेरे बाबा मेरे भोले,

मेरे महाकाल ॥


तुमने दिया है जीवन तुमने दी जिंदगानी,

तुमसे जुड़ी हुई है मेरी ये सब कहानी,

दर्शन को तेरे बाबा तरसे ये तेरा लाल,

स्वामी हो सारे जग के शम्बू बड़े दयाल,

मेरे बाबा मेरे भोले,

मेरे महाकाल ॥

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माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल(Maa Main Khada Dwar Tere)

तेरे दरबार का पाने नज़ारा,
मैं भी आया हू,

वो है जग से बेमिसाल सखी (Woh Hai Jag Se Bemisal Sakhi)

कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख

सुहागिनों के लिए क्यों खास है गणगौर

गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

गुरु प्रदोष व्रत: शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र का पाठ

प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित तिथि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत का वर्णन और महत्व धार्मिक ग्रंथों और पंचांग में बताया गया है।

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