मेरे बाबा तुझे किसने सजाया, दिल गया हार सांवरे (Mere Baba Tujhe Kisne Sajaya Dil Gaya Haar Sanware)

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे,

मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मोर मुकुट कानो में कुण्डल,

सूर्य प्रभात सा है मुख मंडल,

तेरा रूप देख मन हर्षाया,

तेरा रूप देख मन हर्षाया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मोहिनी सूरत छटा अति प्यारी,

देवता भी जाते है बलिहारी,

किसने फूलों से श्रृंगार कराया,

किसने फूलों से श्रृंगार कराया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


स्वर्ग से सुन्दर तेरा नज़ारा,

‘सुमित’ को बाबा दे दो सहारा,

अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,

अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे,

मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥

........................................................................................................
हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम (Hum Sab Bolenge Happy Birthday To You Shyam)

रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है,
मिशरी मावे का एक केक मंगाया है,

नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

मां ललिता की पूजा विधि

मां ललिता, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं और ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

नारायणी शरणम्(Narayani Sharanam)

नारायणी शरणम
दोहा – माँ से भक्ति है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने