मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,
मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
सूर्य प्रभात सा है मुख मंडल,
तेरा रूप देख मन हर्षाया,
तेरा रूप देख मन हर्षाया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
मोहिनी सूरत छटा अति प्यारी,
देवता भी जाते है बलिहारी,
किसने फूलों से श्रृंगार कराया,
किसने फूलों से श्रृंगार कराया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
स्वर्ग से सुन्दर तेरा नज़ारा,
‘सुमित’ को बाबा दे दो सहारा,
अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,
अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,
मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥
काली कमली वाला मेरा यार है,
मेरे मन का मोहन तु दिलदार है,
कलयुग का देव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला,
कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,