मेरे बांके बिहारी लाल,
तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नजर तोहे लग जाएगी ।
तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका ।
प्यारा लागे तेरा पीला पटका ।
तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नजर तोहे लग जाएगी ॥
मेरे बांके बिहारी लाल...॥
तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका ।
प्यारा लागे तेरा नीला पटका ।
तेरे गुंगार वाले बाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नजर तोहे लग जाएगी ॥
मेरे बांके बिहारी लाल...॥
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका ।
प्यारा लागे तेरा काला पटका ।
तेरे गल में वैजयंती माल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नजर तोहे लग जाएगी ॥
मेरे बांके बिहारी लाल...॥
मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नजर तोहे लग जाएगी ।
हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन मां संतोषी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को माता संतोषी और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और माता रानी अपने भक्तों को सभी कष्टों से बचाती हैं।
शनिदेव को ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिवत शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और कुंडली में साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन भक्त सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं व्रत रखते हैं। सूर्य देव को 9 ग्रहों में राजा माना गया है और इनकी पूजा से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं।
हिंदू धर्म में भगवान परशुराम महान योद्धा और ऋषियों में से एक माने जाते हैं। वे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्हें धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए जाना जाता है।