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मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा (Mere Ghar Aaya Raja Ram Ji Ka Pyara)

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा (Mere Ghar Aaya Raja Ram Ji Ka Pyara)

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


आँगन बंगला भवन भयो पावन,

हरिजन बैठे हरिजस गावन,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


करूँ दंडवत चरण पखारूँ,

तन मन धन सब उन पर वारुं,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


कथा कहे अरु अर्थ विचारे,

आप तरे औरन को तारे,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


कहे रैदास मिले निज दासा,

जनम जनम के काटे पासा,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥

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राम नवमी 2025 शुभ योग

राम नवमी हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रभ श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

वामन द्वादशी 2025 कब है

भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र वामन द्वादशी वर्ष में दो बार मनाई जाती है। एक बार चैत्र मास की शुक्ल द्वादशी तिथि को, तथा दूसरी बार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को।

भगवान विष्णु का क्यों लिया वामन अवतार

वामन देव की पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। भगवान वामन को श्री हरि का स्वरूप कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।

वामन अवतार की पूजा विधि

वामन द्वादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पर्व हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास की द्वादशी तिथि को और दूसरा भाद्रपद मास की द्वादशी तिथि को।

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