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मेरे हनुमान का तो,
काम ही निराला है ॥
दोहा – अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं,
दनुजवनकृशानुम,
ग्यानिनामअग्रगण्यं
सकल गुण निधानं,
वानरानामधीशं,
रघुपति प्रिय भक्तं,
वातजातं नमामि ॥
श्री तुलसीदास जु के पद कमल,
मैं बारम्बार मनाऊँ,
गुण गाउँ श्री राम जी के,
श्री हनुमत होव सहाय ॥
मेरे हनुमान का तो,
काम ही निराला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है ॥
लाल सिंदूर इसे,
बड़ा प्यारा लगे,
लाल चोले में मेरा,
बाबा न्यारा लागे,
मेरा बजरंगी राम,
नाम का मतवाला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है,
मेरें हनुमान का तों,
काम ही निराला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है ॥
मंगल को जन्मे,
मंगल है करते,
बड़े बड़े भूत प्रेत भी,
हनुमत से डरते,
सारे भक्तो का ये,
बजरंगी रखवाला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है,
मेरें हनुमान का तों,
काम ही निराला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है ॥
दुखो को दूर करे,
सारे संकट को हरे,
जो भी आए दर पे,
झोली खुशियो से भरे,
सारे संकट को इसने,
पल ही भर में टाला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है,
मेरें हनुमान का तों,
काम ही निराला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है ॥
मेरे हनुमान का तो,
काम ही निराला है,
राम का दुलारा,
मईया अंजनी लाला है ॥
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