Logo

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

भैया भैया कह के, भैया भैया कह के,

रस प्राणों में घोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल ॥


इस धरती पे और ना होगा,

मुझ जैसा हतभागा,

मेरे रहते बाण शक्ति का,

तेरे तन में लागा,

जा नहीं सकता तोड़ के ऐसे,

मुझसे नेह का धागा,

मैं भी अपने प्राण तजूँगा,

आज जो तू नहीं जागा,

अंखियो के तारे, अंखियो के तारे,

लल्ला अंखिया तू खोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल ॥


बीती जाए रेन पवनसुत,

क्यों अब तक नहीं आए,

बुझता जाए आस का दीपक,

मनवा धीर गंवाए,

सूर्य निकलकर सूर्य वंश का,

सूर्य डुबो ना जाए,

बिना बुलाये बोलने वाला,

बोले नहीं बुलाये,

चुप चुप रहके, चुप चुप रहके,

मेरा धीरज ना तोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल ॥


मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,

मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

भैया भैया कह के भैया भैया कह के,

रस प्राणों में घोल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल ॥

........................................................................................................
देवशयनी एकादशी (Devashayanee Ekaadashee)

देवशयनी एकादशी आज, चार मास तक बंद रहेंगे शुभ कार्य, जानिए क्या है व्रत और पारायण का विधान

क्या है श्री जगन्नाथ रथ यात्रा और कब होता है इसका आयोजन ? (Kya hai shree jagannaath rath yaatra aur kab hota hai isaka aayojan ?)

क्या है श्री जगन्नाथ रथ यात्रा और कब होता है इसका आयोजन ?

रोते हुए शिव के चुप करने ब्रह्मा ने दिए थे 108 नाम (Rote Hue Shiv ke Chup karane Brahma Ne Die The 108 Naam)

रोते हुए शिव के चुप करने ब्रह्मा ने दिए थे 108 नाम

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang