मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,
भैया भैया कह के, भैया भैया कह के,
रस प्राणों में घोल,
मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल ॥
इस धरती पे और ना होगा,
मुझ जैसा हतभागा,
मेरे रहते बाण शक्ति का,
तेरे तन में लागा,
जा नहीं सकता तोड़ के ऐसे,
मुझसे नेह का धागा,
मैं भी अपने प्राण तजूँगा,
आज जो तू नहीं जागा,
अंखियो के तारे, अंखियो के तारे,
लल्ला अंखिया तू खोल,
मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल ॥
बीती जाए रेन पवनसुत,
क्यों अब तक नहीं आए,
बुझता जाए आस का दीपक,
मनवा धीर गंवाए,
सूर्य निकलकर सूर्य वंश का,
सूर्य डुबो ना जाए,
बिना बुलाये बोलने वाला,
बोले नहीं बुलाये,
चुप चुप रहके, चुप चुप रहके,
मेरा धीरज ना तोल,
मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल ॥
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,
भैया भैया कह के भैया भैया कह के,
रस प्राणों में घोल,
मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल ॥
ब्रह्म समान गुरू की पूजा का दिन है गुरू पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा भी इसी का नाम, इस साल बन रहे तीन दुर्लभ योग
गुरु पूर्णिमा पर बन रहा है महायोग, जानें कैसे करें पूजा, इन तीन राशियों के लिए इस दिन शुभ योग
वेदों में वेदव्यास से, आज के युग में गांधी जी से मानी जाती है गुरू पूर्णिमा की शुरूआत, जानें क्यों मनाते हैं
मां गौरी के उबटन से हुआ विनायक गणेश का जन्म, सूर्य और शनिदेव भी जुड़ी हैं कथाएँ, कलयुग में कल्कि का साथ देंगे गजानन, Maa Gauree ke ubtan se hua vinaayak ganesh ka janm, sooryaay aur shanidev bhee judee hain kathaen, kalayug mein kalki ka saath denge gajaanan