Logo

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे(Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे(Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)

मेरे राम मेरे घर आएंगे,

आएंगे प्रभु आएंगे

प्रभु के दर्शन की आस है,

और भीलनी को विशवास है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...


अंगना रस्ता रोज बुहार रही,

खड़ी खड़ी वो राह निहार रही

मन में लगन, भीलनी मगन,

भीलनी को भारी चाव है,

और मन में प्रेम का भाव है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...


ना जानू सेवा पूजा की रीत,

क्या सोचेंगे मेरे मन के मीत

शर्म आ रही, घबरा रही

वो भोली भाली नार है,

प्रभु को भोलों से प्यार है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...


चुन चुन लायी खट्टे मीठे बेर,

आने में क्यों करते हो प्रभु देर

प्रभु आ रहे, मुस्का रहे,

प्रभु के चरणो में गिर पड़ी,

और असुअन की लागी झड़ी

मेरे राम मेरे घर आएंगे...


असुअन से धोए प्रभु जी के पैर,

चख चख कर के खिला रही थी बेर

प्रभु कह रहे, मुस्का रहे

इक प्रेम के वष में राम है,

और प्रेम का यह परिणाम है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...


प्रभु तेरी खातिर अटक रहे थे प्राण,

मुक्ति दे दो मुझको कृपा निधान

लेलो शरण, अपनी चरण

शबरी से बोले राम हैं,

जा खुला तेरे लिए धाम है

मेरे राम मेरे घर आएंगे...


जो कोई ढूंढे प्रभु को दिन और रात,

उसे ढूंढ़ते इक दिन दीनानाथ

हरी को भजो, सुमिरन करो,

‘बिन्नू’ यह निश्चय जान लो,

तुम प्रभु को अपना मान लो

मेरे राम मेरे घर आएंगे...

........................................................................................................
देवउठनी एकादशी धन वृद्धि उपाय

इस वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता हैं 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

देवउठनी एकादशी के बाद के शुभ मुहूर्त

देवउठनी एकादशी को देवोत्थान और प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं।

सबसे पहले किसने रखा था व्रत

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि व्यक्ति को अपने जीवन में किसी भी सफलता को प्राप्त करने के लिए संकल्प और नियमों की आवश्यकता पड़ती है।

मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है

पौराणिक काल से सनातन धर्म में कई रीति-रिवाज चले आ रहे हैं। हमारी संस्कृति में पूजा-पाठ का अपना एक अलग और विशेष महत्व है। हमारे यहां कोई भी पूजा में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनका उपयोग अनिवार्य होता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang