मेरे सतगुरु दीन दयाल(Mere Satguru Den Dayal)

मेरे सतगुरु दीन दयाल,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

गुरु रविदास महाराज,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

जपा करूं, जपा करूं


ओ.. ओ औरों के तो चंदा-सूरज

मेरा उजाला तू

मैं तेरा नाम जपा करूं


मेरे सतगुरु दीन दयाल,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

गुरु रविदास महाराज,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

जपा करूं, जपा करूं


ओ.. ओ औरों के तो ब्रह्मा-विष्णु

मेरा ठाकुर तू

मैं तेरा नाम जपा करूं


मेरे सतगुरु दीन दयाल,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

गुरु रविदास महाराज,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

जपा करूं, जपा करूं

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अहोई अष्टमी का महत्व और मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माताओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन माताएं अपने पुत्रों की कुशलता और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए निर्जला व्रत करती हैं।

शबरी रो रो तुम्हे पुकारे (Sabri Ro Ro Tumhe Pukare)

शबरी तुम्हरी बाट निहारे,
वो तो रामा रामा पुकारे,

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया(Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार दिसंबर माह के 18 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

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