मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी,
गर फिर गई तेरे सर पे तो,
गर फिर गई तेरे सर पे तो,
हर बिगड़ी बात सवर जाएगी,
मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी ॥
प्रेम का है भूखा,
तू प्रेम मेरे सांवरे से कर जरा,
आएगा ना कोई तेरे काम,
बस मेरा श्याम आएगा सदा,
गर जो झुकेगा सर ये तेरा,
गर झुक जाए मस्तक तेरा,
माथे की रेख बदल जाएगी,
मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी ॥
कर नहीं मैं सकता महिमा मेरे,
घनश्याम की मुख से बयां,
आज तक क्या देखा,
कोई श्याम के दरबार से खाली गया,
बंद पड़ी किस्मत भी यहाँ,
तेरी बंद पड़ी किस्मत भी यहाँ,
खुशियों की चाबी से खुल जाएगी,
मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी ॥
दौड़ के आ जाए,
जो श्याम को दिल से पुकारे है कभी,
है ‘प्रकाश’ कहता,
बिना श्याम के कोई काम मुमकिन है नहीं,
उंगली पकड़ ली जबसे तेरी,
जो उंगली पकड़ ली जबसे तेरी,
मंजिल भी तुझको मिल जाएगी,
मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी ॥
मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी,
गर फिर गई तेरे सर पे तो,
गर फिर गई तेरे सर पे तो,
हर बिगड़ी बात सवर जाएगी,
मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी ॥
विवाह पंचमी के अवसर पर वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।
विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष उत्सव और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं।
हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत किया जाता है। इस खास अवसर पर गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष प्रकार का व्रत भी किया जाता है।