Logo

मेरे तो आधार हैं, भोलेनाथ के चरणारविन्द(Mere To Aadhar Hai Bholenath Ke Charnarvind)

मेरे तो आधार हैं, भोलेनाथ के चरणारविन्द(Mere To Aadhar Hai Bholenath Ke Charnarvind)

मेरे तो आधार है,

भोलेनाथ के चरणारविन्द,

भोले के चरणारविन्द,

बाबा के चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


भोर भये गंगाजल लेकर,

बाबा तेरे मंदिर आऊं,

धुप दीप नैवैद्य चढ़ाकर,

भोले तेरा ही गुण गाऊं,

नैनो से निहारूं बाबा,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


इन प्यासे नैनो को बाबा,

दर्शन दो काशी के वासी,

मन का मेल मिटाकर मुझको,

अपना लो भोले अविनाशी,

मंजिल मुझे दिखाए बाबा,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


कावड़ियों का एक सहारा,

वैद्यनाथ सुखधाम तुम्हारा,

तन्मयता से चलते चलते,

बोल रहे बम बम का नारा,

विपदाओं से सदा उबारे,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


भूतनाथ भोले भंडारी,

जग प्रतिपालक भव भयहारी,

तेरी कृपा से भवसागर में,

चलती है ये नाव हमारी,

सभी दुखो से पार लगाते,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


मेरे तो आधार है,

भोलेनाथ के चरणारविन्द,

भोले के चरणारविन्द,

बाबा के चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


........................................................................................................
गर्भाधान संस्कार मुहूर्त मार्च 2025

गर्भाधान संस्कार एक महत्वपूर्ण हिन्दू संस्कार है, जो एक सौभाग्यशाली और गुणवान संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह संस्कार हिन्दू शास्त्रों में वर्णित सोलह महत्वपूर्ण संस्कारों में प्रथम स्थान पर आता है और गर्भ-धारण के लिए शुभ समय पर किया जाता है।

सोना खरीदने के शुभ मुहूर्त मार्च 2025

सोना खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, और इसके लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना भी उतना ही आवश्यक माना जाता है। हिंदू धर्म में सोना खरीदने के शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में सोना खरीदने से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य आता है।

कब है यशोदा जयंती 2025

हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती का विशेष महत्व होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यशोदा जयंती का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की मां यशोदा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था।

वास्तु पूजा शुभ मुहूर्त मार्च 2025

जब हम नए घर, दफ्तर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में प्रवेश करते हैं, तो कई वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में इन स्थानों से लाभ मिले, वास्तु दोषों से बचना आवश्यक है। लेकिन कई बार, जाने-अनजाने में कुछ वास्तु दोष रह जाते हैं। ऐसे में गृह प्रवेश के समय हवन-पूजन और नवग्रह मंडल पूजा की जाती है, जिसे वास्तु पूजा कहा जाता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang