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मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद(Meri Balaji Sunenge Fariyad)

मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद(Meri Balaji Sunenge Fariyad)

मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

अब होगी नैया पार,

अब बनेंगे सारे काम,

अब मौज बहारें साल,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥


पार लगावे सबको बाबा,

बाब सबके भाग्य विधाता,

अब कृपा दृष्टि साथ,

अब है चरणों की आस,

श्री राम दुलारे साथ,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥


आस है हमको बाबा तेरी,

श्री राम के प्यारे सुनलो मेरी,

सुनो ‘सचिन’ की ये अरदास,

मेरी पूरी करदो आस,

तुम भक्तों के हर दम साथ,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥


मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

अब होगी नैया पार,

अब बनेंगे सारे काम,

अब मौज बहारें साल,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥

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बसंत पंचमी पर महाकुंभ का स्नान क्यों है खास?

महाकुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है इस बार बसंत पंचमी पर विशेष रूप से खास होने वाला है। इस दिन महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है जो कि त्रिवेणी संगम में होगा।

बसंत पंचमी कथा

बसंत पंचमी सनातन धर्म का विशेष पर्व है, जिसे माघ महीने में मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। इस खास दिन पर माता शारदा की पूजा की जाती है और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

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