मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया

हारे के साथी कहाते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

साथ निभाते हो सदा तुम गरीबो का

थामते हो हाथ सदा बदनसीबों का

नाव है मेरी सांवरे भंवर

मांझी ना कोई मेरा हमसफ़र

अश्क भी हमारे कहते हैं ये ही श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


भीलनी के बेर भी आये थे खाने

द्रौपदी का चीर भी आये थे बढ़ाने

ऐसी क्या कमी मेरे प्यार में

बीते ज़िन्दगी इंतज़ार में

दिल में अब हमारे उठते ये ही सवाल

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


सोइ है तक़दीर भी हँसता है ज़माना

हर कदम पे लड़खड़ाए तेरा दीवाना

कह रहा मोहित आ जाओ गोपाल

मुश्किलों में है आज तेरा लाल

बात मेरी रखने आते क्यों नहीं श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

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भारत माता तेरा आँचल (Bharat Mata Tera Aanchal)

भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।

शिव पार्वती ने तुम्हे, वरदान दे दिया (Shiv Parvati Ne Tumhe Vardan De Diya)

शिव पार्वती ने तुम्हे,
वरदान दे दिया,

विंध्याचल की विंध्यवासिनी, नमन करो स्वीकार माँ (Vindhyachal Ki Vindhyavasini Naman Karo Swikar Maa)

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नमन करो स्वीकार माँ,

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

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