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मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया

हारे के साथी कहाते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

साथ निभाते हो सदा तुम गरीबो का

थामते हो हाथ सदा बदनसीबों का

नाव है मेरी सांवरे भंवर

मांझी ना कोई मेरा हमसफ़र

अश्क भी हमारे कहते हैं ये ही श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


भीलनी के बेर भी आये थे खाने

द्रौपदी का चीर भी आये थे बढ़ाने

ऐसी क्या कमी मेरे प्यार में

बीते ज़िन्दगी इंतज़ार में

दिल में अब हमारे उठते ये ही सवाल

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


सोइ है तक़दीर भी हँसता है ज़माना

हर कदम पे लड़खड़ाए तेरा दीवाना

कह रहा मोहित आ जाओ गोपाल

मुश्किलों में है आज तेरा लाल

बात मेरी रखने आते क्यों नहीं श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

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अक्षय तृतीया पर नमक क्यों खरीदते हैं?

अक्षय तृतीया एक अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है, जिसे ‘अबूझ मुहूर्त’ कहा जाता है। यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती।

अक्षय तृतीया चालीसा पाठ

अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ और फलदायी तिथि मानी जाती है। हिंदू धर्म में यह पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका फल अक्षय अर्थात् कभी नष्ट न होने वाला होता है। इस दिन धन, सौभाग्य और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा की जाती है।

अक्षय तृतीया गृह प्रवेश मुहूर्त

अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है।

अक्षय तृतीया पर शादी करना शुभ

शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निकालने की आवश्यकता नहीं होती है। इसी कारण विवाह, गृह प्रवेश और व्यापार शुरू करने के लिए यह दिन श्रेष्ठ माना जाता है।

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