मेरी मैया तू एक बार आजा, दर्श दिखा जा(Meri Maiya Tu Ek Baar Aaja Darsh Dikha Jaa)

मेरी मैया तू एक बार आजा,

हाँ दर्श दिखा जा,

खड़े है इंतजार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥


पहले भी माँ को हमने,

खूब मनाया,

मानेगी माँ मानेगी,

भजनो को गाके हमने,

खूब सुनाया,

जानेगी माँ जानेगी,

मेरे प्यासे नैना तरसे,

कब आएगी दर पे,

किया तूने उद्धार मेरा मैया,

पडूँ तेरे पईया,

खड़े है इंतजार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥


सोचा था माँ के,

हम दरबार जाएं,

जाएंगे माँ जाएंगे,

झोली को माँ के,

दर से भर लाए,

लायेंगे माँ लायेंगे,

मेरी मैया मेरी नैया,

पार करोगी नैया,

शेरोवाली जगत रखवाली,

ओ मेहरोवाली,

खड़े है इंतजार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥


मेरी अरदास सुनले,

हे माँ जगदम्बे,

जय अम्बे जय जगदम्बे,

हाथ जोड़ कर,

नमन करे हम,

जय दुर्गे जय जगदम्बे,

हे माँ भवानी दे दो निशानी,

पूरण करो कहानी,

मैं तो आया द्वार तेरे मैया,

पाऊं तेरी छैया,

खड़े है इंतजार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥


मेरी मैया तू एक बार आजा,

हाँ दर्श दिखा जा,

खड़े है इंतजार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,

हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥

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अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

16 सोमवार व्रत कथा (16 Somavaar Vrat Katha)

एक समय श्री महादेवजी पार्वती के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आए। वहां के राजा ने शिव मंदिर बनवाया था, जो कि अत्यंत भव्य एवं रमणीक तथा मन को शांति पहुंचाने वाला था। भ्रमण करते सम शिव-पार्वती भी वहां ठहर गए।

ईश्वर को जान बन्दे, मालिक तेरा वही है(Ishwar Ko Jaan Bande Malik Tera Wahi Hai)

ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है,

सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो,

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