मेरी मैया तू एक बार आजा,
हाँ दर्श दिखा जा,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
पहले भी माँ को हमने,
खूब मनाया,
मानेगी माँ मानेगी,
भजनो को गाके हमने,
खूब सुनाया,
जानेगी माँ जानेगी,
मेरे प्यासे नैना तरसे,
कब आएगी दर पे,
किया तूने उद्धार मेरा मैया,
पडूँ तेरे पईया,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
सोचा था माँ के,
हम दरबार जाएं,
जाएंगे माँ जाएंगे,
झोली को माँ के,
दर से भर लाए,
लायेंगे माँ लायेंगे,
मेरी मैया मेरी नैया,
पार करोगी नैया,
शेरोवाली जगत रखवाली,
ओ मेहरोवाली,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
मेरी अरदास सुनले,
हे माँ जगदम्बे,
जय अम्बे जय जगदम्बे,
हाथ जोड़ कर,
नमन करे हम,
जय दुर्गे जय जगदम्बे,
हे माँ भवानी दे दो निशानी,
पूरण करो कहानी,
मैं तो आया द्वार तेरे मैया,
पाऊं तेरी छैया,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
मेरी मैया तू एक बार आजा,
हाँ दर्श दिखा जा,
खड़े है इंतजार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में,
हाथ जोड़े हम तेरे दरबार में ॥
यह व्रत अति प्राचीन है। इसका प्रचलन महाभारत से भी पूर्व का है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए उत्तम माना गया है।
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ज्येष्ठमास की पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत
ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥