ऊधम ऐसा मचा ब्रज में, सब केसर रंग उमंगन सींचें
चौपद छज्जन छत्तन, चौबारे बैठ के केसर पीसें ।
भर पिचकारी दई पिय को, पीछे से गुपाल गुलाल उलीचें
अरे एक ही संग फुहार पड़ें, सखी वह हुए ऊपर मैं हुई नीचे ।
ऊपर-नीचे होते-होते, हो गया भारी द्वंद
ना जाने उस समय मेरा, कहाँ खो गया बाजूबन्द ॥
हो मेरा, हो मेरा, हो मेरा
उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,
क्यों पद्माकर छज्जन थाकन,
बैठत छाजत केसर पीसे,
दे पिचकारी भगी पिय को,
पछे से गोपाल गुलाल उलीचे,
एकहि संग वहार पिटे,
सखी वो भये ऊपर मैं भई नीचे,
ऊपर निचे हे सखी हे गयो भारी बंद,
ना जाने वा समय कहाँ,
मेरो खोय गयो बाजूबंद।
दै पिचकी भजी भीजी तहां पर, पीछे गुपाल गुलाल उलीचे ।
एक ही सग यहाँ रपटे सखी ये भए ऊपर वे भई नीचे ।
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होरी में,
होरी में, होरी में,
होरी में, होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होली में ।
बाजूबंद मेरे बड़ो रे मोल को,
तो पे बनवाऊँ पुरे तोल को,
नन्द के परजंद,
रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होली में।
सास लड़ेगी मेरी नंदुल लड़ेगी,
खसम की सिर पे मार पड़ेगी,
हे जाय सब रस भंग,
रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होली में ।
उधम तेने लाला बहुत मचायो,
लाज शरम जाने कहाँ धरी आयो,
मैं तो होय गई तोसे तंग,
रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होली में।
तेरी मेरी प्रीत पुराणी,
तुमने मोहन नाय पहचानी,
मोकू ले चल अपने संग,
रसिया होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होली में।
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होरी में,
होरी में, होरी में,
होरी में, होरी में,
मेरो खोय गयो बाजूबंद,
रसिया होली में।
होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों का भी प्रतीक है। होलिका दहन से पहले पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के दिन किए गए कुछ उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि, आर्थिक उन्नति और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकते हैं?
रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।
रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे हैं कि कैसे इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने पहली बार होली खेली थी।