म्हारी झुँझन वाली माँ, पधारो कीर्तन में(Mhari Jhunjhan Wali Maa Padharo Kirtan Me)

म्हारी झुँझन वाली माँ,

पधारो कीर्तन में,

कीर्तन में माँ कीर्तन में,

भक्ता के घर आँगन में,

म्हारी झुँझण वाली माँ,

पधारो कीर्तन में ॥


चाव चढ्यो है भारी मन में,

इब ना देर करो आवन में,

थारी कद से उडीका बाट,

पधारो कीर्तन में,

म्हारी झुँझण वाली माँ,

पधारो कीर्तन में ॥


थारी पावन ज्योत जगाकर,

थारे आगे शीश झुकाकर,

म्हे जोड़के बैठ्या हाथ,

पधारो कीर्तन में,

म्हारी झुँझण वाली माँ,

पधारो कीर्तन में ॥


थारो कीर्तन राख्यो भारी,

जी में आई दुनिया सारी,

भगता री राखो लाज,

पधारो कीर्तन में,

म्हारी झुँझण वाली माँ,

पधारो कीर्तन में ॥


‘सोनू’ थारा ध्यान लगावे,

मीठा मीठा भजन सुनावे,

म्हारी सुन लो थे अरदास,

पधारो कीर्तन में,

म्हारी झुँझण वाली माँ,

पधारो कीर्तन में ॥


म्हारी झुँझन वाली माँ,

पधारो कीर्तन में,

कीर्तन में माँ कीर्तन में,

भक्ता के घर आँगन में,

म्हारी झुँझण वाली माँ,

पधारो कीर्तन में ॥

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मंत्र क्या होते हैं

शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।

तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है(Tere Dar Pe Maa Zindagi Mil Gayi Hai)

तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,

हे नाथ दया करके, मेरी बिगड़ी बना देना (Hey Nath Daya Karke Meri Bigdi Bana Dena)

हे नाथ दया करके,
मेरी बिगड़ी बना देना,

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया(Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥

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