मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ॥
हर बात निराली है उसकी,
हर बात में है इक टेढापन,
टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ॥
जितना दिल ने तुझे याद किया,
उतना जग ने बदनाम किया,
बदनामी का फल क्या पाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ॥
तेरे प्यार ने दिल ये दीवाना किया,
मुझे इस जग से बैगाना किया,
मैंने क्या खोया क्या पाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ॥
मिलता भी है वो मिलता भी नहीं,
नजरो से मेरी हटता भी नहीं,
यह कैसा जादू चलाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,
ये मैं जानू या वो जाने ॥
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,
छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने ॥
यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।
ये तुम्हारी है कृपा माँ,
तेरा दर्शन हो रहा,
यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा