श्लोक:
अखंड-मंडलाकारं
व्याप्तम येन चराचरम
तत्पदं दर्शितं येन
तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु,
गुरुर देवो महेश्वरः,
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा,
तस्मै श्री गुरुवे नमः ॥
मोहे लागी लगन गुरु चरणन की,
गुरु चरणन की, गुरु चरणन की,
मोहे लागी लगन गुरु चरणन की ॥
चरण बिना मुझे कुछ नहीं भाये,
जग माया सब स्वपनन की,
मोहें लागी लगन गुरु चरणन की ॥
भव सागर सब सूख गए है,
फिकर नाही मोहे तरनन की,
मोहें लागी लगन गुरु चरणन की ॥
आत्म ज्ञान दियो मेरे सतगुरु,
पीड़ा मिटी भव मरनन की,
मोहें लागी लगन गुरु चरणन की ॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
आस बंधी गुरु चरणन की,
मोहें लागी लगन गुरु चरणन की ॥
मोहें लागी लगन गुरु चरणन की,
गुरु चरणन की, गुरु चरणन की,
मोहे लागी लगन गुरु चरणन की ॥
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जहां देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर, प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। इस दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु भाग लेने पहुंचे हैं। अगर आप किसी कारणवश प्रयागराज नहीं जा पाए हैं, तो निराश न हों।
महिला नागा साधुओं का अपना अलग संसार है, जो माई बाड़ा के नाम से जाना जाता है। ये साध्वीएं पुरुष नागा साधुओं की तरह ही ईश्वर को समर्पित जीवन जीती हैं, लेकिन उनकी आध्यात्मिक यात्रा एक अलग रंग में रंगी होती है।
प्रयागराज का महाकुंभ फिलहाल पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। महाकुंभ में इस बार भी देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है।