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मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
कुछ दीनों के दुःख की ले लो खबर,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।
आरत जन तुमको पुकार रहे हैं,
आने की बाट निहार रहे हैं ।
सिर छिपा के यहाँ बैठे नटवर,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
ब्रजबाला व्याकुल रहती है,
ग्वालों की टोली कहती है ।
कब आओगे कान्हा कुँवर बनकर,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
जिस बंसी ने प्रेमप्रकाश किया,
रसदायक रास बिलास किया ।
बज जाए वही बंसी घर-घर,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
बिसरा दो इन्हें या सम्हालो इन्हें,
ठुकरा दो चाहे अपना लो इन्हें ।
दृग बिन्दु हैं आपके पेशे नज़र,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
कुछ दीनों के दुःख की ले लो खबर,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।
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