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मुझे चरणो से लगा ले, मेरे श्याम मुरली वाले (Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murliwale)

मुझे चरणो से लगा ले, मेरे श्याम मुरली वाले (Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murliwale)

मुझे चरणो से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले,

मेरी सांस सांस में तेरा,

मेरी सांस सांस में तेरा,

है नाम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


भक्तो की तुमने कान्हा,

विपदा है टारी,

मेरी भी बांह थामो,

आके बिहारी,

बिगड़े बनाये तुमने,

हर काम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


पतझड़ है मेरा जीवन,

बन के बहार आजा,

सुन ले पुकार कान्हा,

बस एक बार आजा,

बैचैन मन के तुम ही,

आराम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


तुम हो दया के सागर,

जनमों की मैं हूँ प्यासी,

दे दो जगह मुझे भी,

चरणों में बस ज़रा सी,

सुबह तुम्ही हो तुम ही,

मेरी शाम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


मुझे चरणो से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले,

मेरी स्वास स्वास में तेरा,

है नाम मुरली वाले ॥

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शनि जयंती 2025 कब है

शनि जयंती, भगवान शनि देव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जो जीवन में शनि दोष या साढ़े साती जैसी स्थितियों से मुक्ति कामना करते हैं।

Shani Jayanti Katha (शनि जयंती की कथा)

शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

शनि जयंती पर बन रहा सुकर्मा योग

शनि जयंती भगवान शनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व 27 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा, जिस दिन सुकर्मा योग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है।

शनि जयंती के यम-नियम

शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस साल शनि जयंती 27 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी।

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