माँ सरस्वती! मुझको नवल उत्थान दो (Mujhko Naval Utthan Do, Maa Saraswati Vardan Do)

मुझको नवल उत्थान दो ।

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

माँ शारदे! हंसासिनी,

वागीश! वीणावादिनी । ..x2

मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

मुझको नवल उत्थान दो।


निष्काम हो मनोकामना,

मेरी सफल हो साधना । ..x2

नव गति, नई लय तान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ।

मुझको नवल उत्थान दो ॥


हो सत्य जीवन-सारथी,

तेरी करूँ नित आरती । ..x2

समृद्धि, सुख, सम्मान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ।

मुझको नवल उत्थान दो ॥


मन, बुद्धि, हृदय पवित्र हो,

मेरा महान चरित्र हो । ..x2

विद्या, विनय, बल दान दो । ..x2

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥


सौ वर्ष तक जीते रहें,

सुख-अमिय हम पीते रहें । ..x2

निज चरण में सुस्थान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ।

मुझको नवल उत्थान दो ॥


यह विश्व ही परिवार हो,

सबके लिए सम प्यार हो । ..x2

आदेश लक्ष्य महान दो । ..x2

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥


मुझको नवल उत्थान दो ।

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

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मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ (Main To Shiv Hi Shiv Ko Dhyau)

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,

आओ आओ गजानन आओ (Aao Aao Gajanan Aao )

आओ आओ गजानन आओ,
आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥

मेरी विनती यही है! राधा रानी(Meri Binti Yahi Hai Radha Rani)

मेरी विनती यही है राधा रानी
कृपा बरसाए रखना

नरक चतुर्दशी 2024: कब है नरक चतुर्दशी? जानें तिथि, पूजा विधि, कथा, महत्व

नरक चतुर्दशी, रूप चौदस या छोटी दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो दिवाली के एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित है।

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