मुरली वाले ने घेर लयी
अकेली पनिया गयी ॥
मै तो गयी थी यमुना तट पे
कहना खड़ा था री पनघट पे
बड़ी मुझ को रे देर भई,
अकेली पनिया गयी ॥
श्याम ने मेरी चुनरी झटकी
सर से मेरे घिर गयी मटकी
बईया मेरी मरोड़ गयी
अकेली पनिया गयी ॥
बड़ा नटखट है श्याम सवारिया
दे दारी मेरी कोरी चुनरिया
मेरी गगरिया फोड़ दी
अकेली पनिया गयी ॥
लाख कही पर एक ना मानी
भरने ना दे वो मोहे पानी
मारे लाज के मै मर गयी
अकेली पनिया गयी ॥
विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, जिसे परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म में भगवान परशुराम प्रमुख और चिरंजीवी यानि अमर देवताओं में से एक माने जाते हैं। उन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार कहा गया है, जिनका धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतार हुआ था।
भगवान परशुराम, जो भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं, वे न केवल धर्म के रक्षक थे बल्कि एक महान युद्ध आचार्य भी थे। उन्होंने कई महान योद्धाओं को शस्त्र और युद्ध की विद्या का ज्ञान दिया था, जिनमें से तीन शिष्य ऐसे थे जिन्होंने महाभारत के ऐतिहासिक युद्ध में कौरवों की सेना की डोर संभाली थी।
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का चौथा हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे।