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नाम है तेरा तारण हारा,
कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा ।
तुमने तारे लाखों प्राणी,
ये संतो की वाणी है,
तेरी छवि पर वो मेरे भगवन,
ये दुनिया दीवानी है,
भाव से तेरी पूजा रचाऊं,
जीवन में मंगल होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
सुरवर मुनिवर जिनके चरणे,
निशदिन शीश झुकाते है,
जो गाते है प्रभु की महिमा,
वो सब कुछ पा जाते है,
अपने कष्ट मिटाने को तेरे,
चरणों का वंदन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
मन की मुरादें लेकर स्वामी,
तेरे चरण में आए है,
हम है बालक तेरे चरण में,
तेरे ही गुण गाते है,
भव से पार उतरने को तेरे,
गीतो का संगम होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
ऐसी दया कर देना दाता,
निश्छल गुजरे ये जीवन,
रंग लगे नहीं कपट झूठ का,
हो पावन मेरा तन मन,
सेवा में तेरी ओ मेरे स्वामी,
भक्तिभाव अर्पण होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
नाम है तेरा तारण हारा,
कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
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