नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ(Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥


नचावे हरि की मईआ,

नचावे हरि की मईआ ।

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

मथुरा मे हरि, जन्म लियो है ॥

गोकुल मे पग, धरो री कन्हैया॥

रुनुक-झुनुक पग, घुँघरू वाज़े ॥

ठुमुक-ठुमुक पग, धरो री कन्हैया॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


धोतो न बांधे, जामो न पहिरे ॥

पिताम्बर को, बडो रे पहरैया॥

टोपो न ओढ़े लाला, फेंटा* न बांधे ॥

मोर-मुकुट को, बडो रे ओढैईया॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


शाला न ओढ़े, दुशाला ना ओढ़े ॥

काली रे कमरिया को, बडो रे ओढैईया॥

ढूध न भावे, दही ना खावे ॥

माखन-मिसरी को, बड़ो रे खवैईया॥...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


खेल ना खेले, खिलौना ना खेले ॥

बंसी को लाला, बडो री बजीईया ॥

चंदर सखी भज, बालकृष्ण छवि ॥

हंस हंस कंठ लगावे, हर की मैया ॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

नचावे हरि की मईआ,

नचावे हरि की मईआ ।

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

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अन्नपूर्णा जयंती पर बन रहा ये दुर्लभ योग

वैदिक पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा और भगवान शिव की पूजा होती है।

करता है तू बेड़ा पार (Karta Hai Tu Beda Paar)

कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,

मेरे घर राम आये है (Mere Ghar Ram Aaye Hai)

मेरी चौखट पे चलके आज,
चारों धाम आए है,

हम लाड़ले खाटू वाले के हमें बाबा लाड़ लड़ाता है (Hum Ladale Khatu Wale Ke Hame Baba Laad Ladata Hai)

हम लाड़ले खाटू वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है,

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