नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा ।
हम भक्तों को दरश दिखाना होगा,
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा ॥
तेरे दर पे भैरव मेरे, सब मिल आते हैं,
तेरे दर पे दादा मेरे, सब मिल आते हैं,
भक्ति के गीतों से तुमको रिझाते हैं,
झूम झूम तुमको भी गाना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा,
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा..
मेरे इस जीवन मे भैरव, छाया अंधियारा हैं,
मेरे इस जीवन मे दादा, छाया अंधियारा हैं,
सारी दुनिया छोड़ के आए, तु ही सबसे प्यारा हैं,
जीवन से दुःख को हटाना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा,
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा..
सब भक्तों को मेरे दादा, तेरा ही सहारा हैं,
सब भक्तों को मेरे दादा, तेरा ही सहारा हैं,
भवंरो में डोले नैय्या, मिलता ना किनारा हैं,
नैय्या को भव से पार लगाना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा,
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा..
सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित किया है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन दान करना बेहद ही शुभ माना गया है। इस दिन दान पुण्य करने की मान्यता है।
नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,
माता अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न और धन की देवी के रूप में स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा के कृपा से ही पृथ्वी लोक के सभी जीवों को खाने के लिए भोजन या अन्न प्राप्त होता है।
नमस्कार भगवन तुम्हें,
भक्तों का बारम्बार हो,