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नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥
न करता हूं भक्ति न जप योग साधन ।
कैसे कटेंगे यह माया के बंधन ॥
दुःखी दीन हो के यह मनवा पुकारे ॥
नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
भंवर में पड़ी आ के नैया यह मेरी ।
सहारा न दूजा है इक आस तेरी ॥
तू बन के खिवैया लगा दे किनारे ॥
नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
मैं कामी हूं क्रोधी हूं लोभी अवारा ।
लिया नाम दिल से कभी न तुम्हारा ॥
दया कर क्षमा कर तू बख्श बख्शन हारे ॥
नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
बिनती यही है प्रभु के चरण में ।
आये हैं हम सब तुम्हारी शरण में ॥
करो दूर अवगुण जो होवें हमारे ॥
नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
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