नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,

करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

नमामि श्री गणराज दयाल।

निशिदिन ध्यान धरे जो प्राणी,

हरे सकल भव जाल,

जन्म-मरन से होत निराला,

नहीं लगती कर माल,

॥ नमामि श्री गणराज दयाल...॥


लंबोदर गज-वदन मनोहर,

गले फूलों की माल,

ऋद्धि-सिद्धि चमाल धूलावें,

शोभत से दूर हार,

॥ नमामि श्री गणराज दयाल...॥


मूषक वाहन त्रिशूल परेशुधार,

चंदन झलक विशाल,

ब्रह्मादिक सब ध्यावत तुम को,

अर्जी तुकरया बाल,

॥ नमामि श्री गणराज दयाल...॥


नमामि श्री गणराज दयाल,

करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

नमामि श्री गणराज दयाल।

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वीरविंशतिकाख्यं श्री हनुमत्स्तोत्रम्

लाङ्गूलमृष्टवियदम्बुधिमध्यमार्ग , मुत्प्लुत्ययान्तममरेन्द्रमुदो निदानम्।

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