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नमो नमो हे भोले शंकरा(Namo Namo Hey Bhole Shankara)

नमो नमो हे भोले शंकरा(Namo Namo Hey Bhole Shankara)

मैंने पाया नशा है,

मेरा बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

छोड़ चिंता मिली हूँ,

मैं तो बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

नमो नमो हे भोले शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥


मैंने शंखो से अर्जी है भेजी तुझे,

पूरी मस्ती में डूबी मैं पूजूँ तुझे,

तूने बरसाई गंगा यहाँ सब पे,

रोज दर्शन किया है,

तेरा मैंने मुझमे,

नमो नमो हे भोलें शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥


डमरू पे ये नाचे मन ऐसे,

मिल जाता हूँ मुझसे मैं जैसे,

शिव तेरे है रंग हजारों,

एक रंग मैं देखूं कैसे,

मेरी किस्मत का चंदा,

है तेरे सर पे,

मेरे भोले मेरे भोले,

नमो नमो हे भोलें शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥


मैंने पाया नशा है,

मेरा बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

छोड़ चिंता मिली हूँ,

मैं तो बस तुझमे,

मेरे भोले मेरे भोले,

नमो नमो हे भोले शंकरा,

शंकरा भोले शंकरा ॥

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गणेश जयंती पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कब है गणेश जयंती

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में होती है गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-साधना

सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।

विनायक चतुर्थी कब है

विनायक चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सभी दुखों का नाश होता है।

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