नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे(Nandrani Kanhaiya Jabar Bhayo Re)

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,

मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥


पनघट पे आके करे जोरा जोरि,

चुपके से आये करे चिर चोरी,

मैया हल्लो मच्यो तो सटक गयो रे,

मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥


मुस्कान इसकी लगे प्यारी प्यारी,

दीवानी हुई इसकी सारी ब्रजनारी,

ऐ की बंसी में जियरो अटैक गयो रे,

मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥


घर घर में जाके ये माखन चुरावे,

खावे सो खावे जमी पे गिरावे,

मैया रोकनो हमारो खटक गयो रे,

मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥


में तो दुखारी गरीबी की मारी,

नही जोर चल्यो तो दीन्ही में गाली,

नंदू बईया कन्हैया झटक गयो रे,

मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥


नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,

मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥

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श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्

नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

बजरंगी महाराज, तुम्हे भक्त बुलाते है (Bajrangi Maharaj Tumhe Bhakt Bulate Hai)

बजरंगी महाराज,
तुम्हे भक्त बुलाते है,

राम नाम को जपता, सुबहो शाम है (Ram Naam Ko Japta Subaho Shaam Hai)

राम नाम को जपता,
सुबहो शाम है,

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना (Main Bhi Bolun Ram Tum Bhi Bolo Na)

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना, राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥

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