नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥
पनघट पे आके करे जोरा जोरि,
चुपके से आये करे चिर चोरी,
मैया हल्लो मच्यो तो सटक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥
मुस्कान इसकी लगे प्यारी प्यारी,
दीवानी हुई इसकी सारी ब्रजनारी,
ऐ की बंसी में जियरो अटैक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥
घर घर में जाके ये माखन चुरावे,
खावे सो खावे जमी पे गिरावे,
मैया रोकनो हमारो खटक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥
में तो दुखारी गरीबी की मारी,
नही जोर चल्यो तो दीन्ही में गाली,
नंदू बईया कन्हैया झटक गयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥
नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर भरणी नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
चांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर कृत्तिका नक्षत्र और विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर रोहिणी नक्षत्र और विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन माने गए हैं जिन्हें अबुझ मुहूर्त कहा जाता है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे किया जा सकता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। खासकर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए।