नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।
उर में सबके प्रति प्यार भरें, जल बनकर मरुथल में बिखरें।
बाधाओं से टकरा जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
आलस में दिवस न कटें कभी, सेवा के भाव न मिटें कभी।
पथ से ये चरण न हटें कभी, जनहित के कार्य न छुटें कभी।
दैवी क्षमताएँ विकसायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
यह विश्व हमारा ही घर हो, उर में स्नेह का निर्झर हो।
मानव के बीच न अन्तर हो, बिखरा समता का मृदु स्वर हो।
पूरब की लाली बन छायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले,
हो जासी कल्याण,
लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का,
संकट काटे पलभर में ये,
भक्तों सारे जहान का,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा