दीन कहे धनवान सुखी
धनवान कहे सुख राजा को भारी ।
राजा कहे महाराजा सुखी
महाराजा कहे सुख इंद्र को भारी ।
इंद्र कहे चतुरानन को सुख
ब्रह्मा कहे सुख विष्णु को भारी ।
तुलसीदास विचार कहे
हरि भजन विना सब जीव दुखारी ।
निर्धन कहे धनवान सुखी
धनवान कहे सुख राजा को भारी ।
राजा कहे चक्रवर्ती सुखी
चक्रवर्ती कहे सुख इन्द्र को भारी ।
इन्द्र कहे श्री राम सुखी
श्री राम कहे सुख संत को भारी ।
संत कहे संतोष में सुख है
बिनु संतोष सब दुनिया दुःखारी ।
सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इनके राशि बदलने से मनुष्य समेत प्रकृति पर भी प्रभाव पड़ता है। बीते 14 जनवरी को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद सूर्य उत्तरायण हो गए और शुभ दिन शुरू हुआ।
आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।
आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।
सनातन धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने की परंपरा है। क्योंकि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य करने से सूर्य देव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।