नौरता की रात मैया,
गरबे रमवा आणो है,
थाने वादों निभाणो है,
नौरता की रात ॥
साथी सहेलियां,
मईया जोवे थारी बाट,
मईया जी थाने आवणो,
माथा पे हो टीका,
काना में हो झुमका,
सज ने थाणे आवणो,
नौरता की रात मईया,
गरबे रमवा आणो है,
थाणे वादे निभाणो है,
नौरता की रात ॥
हाथा में हो चुडलो,
पावा में हो पायल,
हो छम छम करती आवणो,
सर पे हो चुनरिया,
लाले हो रंग री,
घुंगटा में थाणे आवणो,
नौरता की रात मईया,
गरबे रमवा आणो है,
थाणे वादों निभाणो है,
नौरता की रात ॥
नौरता की रात मैया,
गरबे रमवा आणो है,
थाने वादों निभाणो है,
नौरता की रात ॥
देवाधिदेव महादेव के लिए ही प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही उनके सभी कष्टों का भी निवारण कर देते हैं।
हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।
माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती हैं। इस दिन लोग व्रत करते हैं और सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करते हैं। इसके साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर लोग व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।