ओ लागी लागी रे प्रीत, थासु सांवरिया सरकार (O Lagi Lagi Re Preet Thasu Sawariya Sarkar)

ओ लागी लागी रे प्रीत,

थासु सांवरिया सरकार,

बन के दीवानी मैं तो नाचूंगी,

सांवरा होके दीवानी मैं तो नाचूंगी,

ओ लागी लागी रे प्रित,

थासु सांवरिया सरकार ॥


ओ म्हारे मनडे में,

बसग्यो म्हारो श्याम धणी दातार,

थे ही बोलो कइयाँ मैं रह पाउंगी,

सांवरा थे ही बोलो कइयाँ मैं रह पाउंगी,

ओ लागी लागी रे प्रित,

थासु सांवरिया सरकार ॥


ओ थारी बांकी छवि,

निराली भावे म्हाने श्याम,

निजर ना लागे वारि जाउंगी,

सांवरा निजर ना लागे वारि जाउंगी,

ओ लागी लागी रे प्रित,

थासु सांवरिया सरकार ॥


ओ ‘चंचल’ दर्श दीवानी,

हो गई मदन मुरार,

श्याम नाम प्रेम बधाई बाँटूंगी,

सांवरा श्याम नाम प्रेम बधाई बाँटूंगी,

ओ लागी लागी रे प्रित,

थासु सांवरिया सरकार ॥


ओ लागी लागी रे प्रीत,

थासु सांवरिया सरकार,

बन के दीवानी मैं तो नाचूंगी,

सांवरा होके दीवानी मैं तो नाचूंगी,

ओ लागी लागी रे प्रित,

थासु सांवरिया सरकार ॥

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नित महिमा मै गाउँ मैया तेरी (Nit Mahima Mai Gaun Maiya Teri)

नित महिमा मैं गाउँ मैया तेरी ॥
और क्या माँगू मैं तुमसे माता,

उत्पन्ना एकादशी का चालीसा

उत्पन्ना एकादशी सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। वैसे तो हर माह में दो एकादशी आती है, लेकिन उत्पन्ना एकादशी का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन मां एकादशी का जन्म हुआ था।

अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता (Agar Shyam Sundar Ka Sahara Na Hota)

अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता,
तो दुनियाँ में कोई हमारा ना होता ।

मई माह में कब पड़ेगा पहला शुक्र प्रदोष व्रत

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

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