ओ लागी लागी रे प्रीत,
थासु सांवरिया सरकार,
बन के दीवानी मैं तो नाचूंगी,
सांवरा होके दीवानी मैं तो नाचूंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
ओ म्हारे मनडे में,
बसग्यो म्हारो श्याम धणी दातार,
थे ही बोलो कइयाँ मैं रह पाउंगी,
सांवरा थे ही बोलो कइयाँ मैं रह पाउंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
ओ थारी बांकी छवि,
निराली भावे म्हाने श्याम,
निजर ना लागे वारि जाउंगी,
सांवरा निजर ना लागे वारि जाउंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
ओ ‘चंचल’ दर्श दीवानी,
हो गई मदन मुरार,
श्याम नाम प्रेम बधाई बाँटूंगी,
सांवरा श्याम नाम प्रेम बधाई बाँटूंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
ओ लागी लागी रे प्रीत,
थासु सांवरिया सरकार,
बन के दीवानी मैं तो नाचूंगी,
सांवरा होके दीवानी मैं तो नाचूंगी,
ओ लागी लागी रे प्रित,
थासु सांवरिया सरकार ॥
भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
कार्तिक पूर्णिमा में व्रत और पूजा-पाठ बहुत ही शुभ होते हैं। इस वर्ष यह व्रत 15 नवंबर 2024 को है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में विशेष पूजा करने और स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।
भारत में कार्तिक पूर्णिमा एक प्रमुख पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग बड़ी संख्या में गंगा तट पर पहुंचकर स्नान करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।