ओ मेरे गोपाल कन्हैया, मोहन मुरली वाले (O Mere Gopal Kanhaiya Mohan Murliwale)

ओ मेरे गोपाल कन्हैया,

मोहन मुरली वाले,

मोहन मुरली वाले,

गोपाल मुरलिया वाले,

ओ मेरे गोपाल कन्हैंया,

मोहन मुरली वाले ॥


कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया,

गुणवान नहीं धनवान नहीं,

कोई बड़ा जगत में मान नहीं,

फिर कैसे तुम्हे अपनाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


कोई जप तप संयम नियम नहीं,

मेरा गोपियों जैसा प्रेम नहीं,

फिर कैसे तुम्हे रिझाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


कोई गुण का बड़ा भंडार नहीं,

मेरा मीरा जैसा प्यार नहीं,

फिर कैसे तुम्हे मनाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


मेरे भीलनी जैसे बेर नहीं,

तेरे आने में तो देर नहीं,

फिर कैसे भोग लगाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


ओ मेरे गोपाल कन्हैया,

मोहन मुरली वाले,

मोहन मुरली वाले,

गोपाल मुरलिया वाले,

ओ मेरे गोपाल कन्हैंया,

मोहन मुरली वाले ॥


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तेरा पल पल बीता जाए(Tera Pal Pal Beeta Jay Mukhse Japle Namah Shivay)

तेरा पल पल बीता जाए,
मुख से जप ले नमः शिवाय।

इंदिरा एकादशी की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। पूरे साल में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं, जिनमें से सितंबर माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी हैं: परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी।

श्री रामायण जी की आरती (Shri Ramayan Ji Ki Aarti)

आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥

मन में है विश्वास अगर जो श्याम सहारा मिलता है(Man Mein Hai Vishwas Agar Jo Shyam Sahara Milta Hai)

मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,

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