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ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना (O Ram Ji Tere Bhajan Ne Bada Sukh Dina)

ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना (O Ram Ji Tere Bhajan Ne Bada Sukh Dina)

ओ रामजी तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना,

तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना,

ये दुनिया दीवानी,

दो दिन की कहानी,

पल दो पल का है जीना,

बड़ा सुख दीना,

तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना ॥


काम ना आए कोई अपना,

काम ना आए कोई अपना,

पूरा नहीं होता कभी सपना,

ये जान निकल जाए एक दिन,

ये जान निकल जाए एक दिन,

फिर जा के आए कभी ना,

बड़ा सुख दीना,

बड़ा सुख दीना,

तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना ॥


ज्ञान के पट तू खोल ऐ बन्दे,

ज्ञान के पट तू खोल ऐ बन्दे,

छोड़ के सब तू गोरख धंधे,

जीवन सुखदाई हो जाएगा भाई,

जीवन सुखदाई हो जाएगा भाई,

सुमिरन जो प्रभु का किना,

बड़ा सुख दीना,

बड़ा सुख दीना,

तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना ॥


ओ रामजी तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना,

तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना,

ये दुनिया दीवानी,

दो दिन की कहानी,

पल दो पल का है जीना,

बड़ा सुख दीना,

तेरे भजन ने,

बड़ा सुख दीना ॥

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नागा साधुओं से जुड़े कठोर नियम

महाकुंभ 2025 की शुरुआत प्रयागराज में हो रही है। इसके लिए साधु-संत भी पहुंच गए हैं। इनमें से कई साधु संत श्रद्धालुओें के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। खासकर नागा साधुओं को देखने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ रही है। बता दें कि नागा साधु सनातन धर्म के एक विशेष और रहस्यमय संप्रदाय है।

महिलाएं भी होती हैं नागा साधु, जानें उनके नियम

प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में अखाड़ों के साधु संतों ने आस्था की डुबकी लगाई। 13 अखाड़ों ने अपने क्रम के अनुसार स्नान किया।

महामंडलेश्वर कैसे बनते हैं

अध्यात्म का मार्ग आसान नहीं होता। यह एक ऐसा पथ है, जहाँ साधना, तपस्या और त्याग के कठिन इम्तिहान से गुजरना पड़ता है। जब बात साधु-संतों की हो, तो यह मार्ग और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसी कठिन राह पर चलते हुए एक पद ऐसा है, जिसे सर्वोच्च सम्मान और गौरव प्राप्त है...महामंडलेश्वर।

महाकुंभ के स्नान को क्यों कहा जाता है शाही

पौष पूर्णिमा के स्नान के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हुआ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 44 घाटों पर पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। बड़ी संख्या में देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु हिंदू धर्म के समागम में पहुंचे।

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