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ओ शंकर भोले, जपती मैं तुमको हरदम (O Shankar Bhole Japti Main Tumko Hardam)

ओ शंकर भोले, जपती मैं तुमको हरदम (O Shankar Bhole Japti Main Tumko Hardam)

ओ शंकर भोले,

जपती मैं तुमको हरदम,

दें दो सुन्दर कोई जतन,

जिससे फिर मिल जायें हम,

ओ शंकर भोलें ॥


त्रेता युग में भूल हुई थी,

जाँचा था रामजी को,

त्रेता युग में भूल हुई थी,

जाँचा था रामजी को,

रूप सीता का लिया,

त्यागे मुझको ही शिवा,

ऐसे बीता मेरा वो जनम,

ओ शंकर भोलें ॥


दक्ष पिता जब बने घमंडी,

भूले सती अरु शिव को,

दक्ष पिता जब बने घमंडी,

भूले सती अरु शिव को,

जब मैं वेदी को चली,

सबमें आयी खलबली,

जला अग्नी में मेरा बदन,

ओ शंकर भोलें ॥


पारवती के रूप में जन्मी,

आऊँगी तेरे ही आँगन,

पारवती के रूप में जन्मी,

आऊँगी तेरे ही आँगन,

तेरी पूजा मैं करूँ,

काम दूजा न करूँ,

तुझपे वारूंगी अपना ये तन,

ओ शंकर भोलें ॥


शिवरात्रि के शुभ अवसर पर,

आये शंभु बराती,

शिवरात्रि के शुभ अवसर पर,

आये शंभु बराती,

ताने लोगों से मिले,

वर जोगी से मिले,

सारे संसार के भगवन हो,

ओ शंकर भोलें ॥


ओ शंकर भोले,

जपती मैं तुमको हरदम,

दें दो सुन्दर कोई जतन,

जिससे फिर मिल जायें हम,

ओ शंकर भोलें ॥

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श्री कृष्ण चालीसा ( Shri Krishna Chalisa)

बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥

Maa Kali Chalisa (मां काली चालीसा)

जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥

श्री शनि चालीसा (Shri Shani Chalisa)

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||

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