ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
ओढ़ो ओढ़ो म्हारी कुलदेवी आज
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
इ चुनड़ को पोत है मइया जयपुर से मंगवायो
भगतां कै घर बनी चुनड़ी,सांचो माल लगायो
प्यारो लागे चटक रंग लाल
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
सोने चांदी का तार कढ़ाकर लंपि नै जड़वाई
साँचे मोत्या री लड़ियाँ नै चारु मेर लगाई
बीच तारा री सजी रे बारात
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
ओढ़ चुनड़ी बैठी मइया,कितनी प्यारी लागे
तीन लोक में मइया थारी शक्ति का डंका बाजे
रया देव फूल बरसाय
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
म्हारी मइया जी कै भगतो नजर नही लग जावै
लूड़ राई मिल कर वारो जद हीबड़ो सुख पावे
जावै राम बलिहारी आज
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
ओढ़ो ओढ़ो म्हारी कुलदेवी आज
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए
भवानीपुर शक्तिपीठ में होती है भगवान शिव के बमेश अवतार की पूजा, शंख की चूड़ियों से जुड़ी माता सती की कहानी
जून का महीना अपने साथ गर्मी की लहर लेकर आता है, जो प्रकृति को एक नई ऊर्जा और जीवन देती है। इस महीने में हर तरफ फूल खिलने लगते हैं और पेड़-पौधे अपनी पूरी शोभा में आ जाते हैं।
आज 6 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का 26वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी है, इसे निर्जला एकादशी के रूप में मनाया जाता है।
आज 7 जून 2025 को ज्येष्ठ माह का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वादशी है।