पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,
तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
धरी है पाप की गठरी,
हमारे सर पे ये भारी,
वजन पापो का है भारी,
इसे कैसे उठाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
तुम्हारे ही भरोसे पर,
जमाना छोड़ बैठे है,
जमाने की तरफ देखो,
इसे कैसे निभाएंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
दर्दे दिल की कहे किससे,
सहारा ना कोई देगा,
सुनोगे आप ही मोहन,
और किसको सुनाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
फसी है भवँर में नैया,
प्रभु अब डूब जाएगी,
खिवैया आप बन जाओ,
तो बेड़ा पार हो जाये,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,
तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
अम्बे रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,
खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
अयोध्यावासी राम
दशरथ नंदन राम