पहले ध्यान श्री गणेश का, मोदक भोग लगाओ (Pehle Dhyan Shree Ganesh Ka Modak Bhog Lagao)

पहले ध्यान श्री गणेश का,

मोदक भोग लगाओ,

भक्ति मन से कर लो भक्तो,

भक्ति मन से कर लो भक्तो,

गणपति के गुण गाओ,

पहले ध्यान श्रीं गणेश का ॥


द्वार द्वार घर आसन सब पर,

शुभ प्रभु की है प्रतिमा,

देवो में जो देव पूज्य है,

गणपति की है गरिमा,

मंगल अति सुमंगल है जो,

मंगल अति सुमंगल है जो,

उनको नयन बसाओ,

पहले ध्यान श्रीं गणेश का ॥


आरती स्तुति भजन प्रार्थना,

शंख नाद भी गूंजे,

मंगल जल दर्शन से गणपति,

तन मन सबका भीजे,

सब भक्तो का मंगल कर दो,

सब भक्तो का मंगल कर दो,

मन सब का हरषाओ,

पहले ध्यान श्रीं गणेश का ॥


सब त्यौहार उन्ही से शुभ है,

गणपति का त्यौहारा,

मूषक वाहन श्री गणेश का,

ऐसा देव हमारा,

कीर्तन भजन ‘नारायण’ करते,

कीर्तन भजन ‘नारायण’ करते,

उत्सव आज मनाओ,

पहले ध्यान श्रीं गणेश का ॥


पहले ध्यान श्री गणेश का,

मोदक भोग लगाओ,

भक्ति मन से कर लो भक्तो,

भक्ति मन से कर लो भक्तो,

गणपति के गुण गाओ,

पहले ध्यान श्रीं गणेश का ॥

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ये अटल भरोसा प्यारे, खाली ना जाएगा (Ye Atal Bharosa Pyare Khali Na Jayega)

ये अटल भरोसा प्यारे,
खाली ना जाएगा,

तेरी जय हों जय हों, जय गोरी लाल(Teri Jay Ho Jay Ho Jay Gauri Lal)

तेरी जय हो जय हो,
जय गोरी लाल ॥

जय जयकार माता की (Jai Jaikaar Karo Mata Ki)

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। इसी लिए विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश जी को समर्पित गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि का बनी रहती है।

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