प्रभु जो तुम्हे हम,
बताकर के रोये,
बताकर के रोये,
उसे दिल में कब से,
दबा कर के रोये,
प्रभु जो तुम्हें हम,
बताकर के रोये ॥
किसी ने ना समझी,
मेरी बेक़रारी,
मिला ना कोई अपना,
दुनिया में सारी,
इसी बेबसी को,
छुपा कर के रोये,
प्रभु जो तुम्हें हम,
बताकर के रोये ॥
समझ कर मुक़द्दर,
हमारा यही है,
जो तुमने लिखा है,
वो होता सही है,
ख़ुशी में है सबको,
जताकर के रोये,
प्रभु जो तुम्हें हम,
बताकर के रोये ॥
मोहब्बत है क्या चीज़,
वफ़ा किसको कहते,
नहीं खोज पाओगे,
दुनिया में रहते,
हम ही ऐसे बंधन,
निभा कर के रोये,
प्रभु जो तुम्हें हम,
बताकर के रोये ॥
ये दिल की जो बातें,
तुम्हे कह रहे है,
है छाले जो नैनो की,
राह बह रहे है,
‘पंकज’ तुम्हे जो,
दिखा कर के रोये,
प्रभु जो तुम्हें हम,
बताकर के रोये ॥
प्रभु जो तुम्हे हम,
बताकर के रोये,
बताकर के रोये,
उसे दिल में कब से,
दबा कर के रोये,
प्रभु जो तुम्हें हम,
बताकर के रोये ॥
पौराणिक दृष्टिकोण से अमावस्या को दान-पुण्य, पितृ तर्पण और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का दिन माना जाता है। मगर इस साल के वैशाख माह की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, जो 27 अप्रैल को पड़ रही है।
जून का महीना वर्ष का मध्य बिंदु लेकर आता है, जहां ग्रीष्म ऋतु के अंत के साथ ही मानसून की आहट मिलती है। इस मौसम परिवर्तन के साथ-साथ ग्रहों की स्थिति में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगेI
जून का महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से विशेष सावधानी की मांग करता है। जहां एक ओर बारिश का आगमन मौसम में ठंडक और नमी लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह संक्रमण, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याओं को भी बढ़ावा देता है।
जून का महीना प्रेम और रिश्तों के क्षेत्र में नए अवसर और भावनात्मक गहराई लेकर आ रहा है। कई राशियों को पुराने संबंधों में सुधार का अवसर मिलेगा, जबकि कुछ को थोड़ी सावधानी और धैर्य से काम लेना होगा।