प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,
बाद बहुत पछताओगे,
पैसे से भोजन लाओगे,
भूख कहा से लाओगे,
पैसे से भोजन लाओगे,
भूख कहा से लाओगे,
प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,
बाद बहुत पछताओगे ॥
पैसे के खातिर तू बन्दे,
करता रहा हेरा फेरी,
घी में डालडा, डालडा में घी,
करते नही तनिक देरी,
सुंदर वक़्त को कब तक बन्दे,
व्यर्थ में यू ही गवाओगे,
पैसे से बिस्तर लाओगे,
नींद कहा से लाओगे,
प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,
बाद बहुत पछताओगे ॥
साबुन से इस् तन को बन्दे,
धोता रहा तू मल-मल के,
मन तो तेरा गंदा रह गया,
तीरथ करता चल-चल के,
प्रभु शरण में नही गए तो,
बाद बहुत पछताओगे,
पैसे से गहना लाओगे,
रूप कहा से लाओगे,
प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,
बाद बहुत पछताओगे ॥
संगीत है शक्ति ईश्वर का,
इसका ही गुणगान करो,
मन को बांधो तन को साधो,
कभी नही अभिमान करो,
अगर साधना नही करोगे,
अंत समय पछताओगे,
पैसे से सरगम सीखोगे,
दर्द कहा से लाओगे,
प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,
बाद बहुत पछताओगे ॥
प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,
बाद बहुत पछताओगे,
पैसे से भोजन लाओगे,
भूख कहा से लाओगे,
पैसे से भोजन लाओगे,
भूख कहा से लाओगे,
प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,
बाद बहुत पछताओगे ॥
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।
मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या कहते हैं। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है।
शिव पुराण में मासिक शिवरात्रि की महिमा का उल्लेख मिलता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है।