प्राणो से भी प्यारा, दादी धाम तुम्हारा (Prano Se Bhi Pyara Dadi Dham Tumhara)

प्राणो से भी प्यारा,

दादी धाम तुम्हारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा,

तूने सबको तारा,

सबका जीवन संवारा,

तेरे बिन कौन दादी,

हम भक्तों का सहारा ॥


अटके कभी जो नैया,

बने तू खिवैया,

कष्ट सभी के काटे,

मेरी मैया,

अंधियारे जीवन का,

माँ तुम ही हो उजियारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा ॥


आंसुओ को मेरे अपने,

आँचल से पोंछे,

ममता लूटाकर मैया,

हाल मेरा पूछे,

नित उठ दादी ध्याऊँ,

मैं एक नाम तुम्हारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा ॥


प्राणो से भी प्यारा,

दादी धाम तुम्हारा,

दर्शन कर हो जाता,

ये जीवन सफल हमारा,

तूने सबको तारा,

सबका जीवन संवारा,

तेरे बिन कौन दादी,

हम भक्तों का सहारा ॥

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मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे(Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥

वट सावित्री पूर्णिमा पूजन विधि (Vat Savitri Purnima Pooja Vidhi)

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धार्मिक मान्यता है मार्ग शीर्ष का माह भगवान श्री कृष्ण को अधिक प्रिय माना जाता है। यही वजह है कि इस दौरान तामसिक भोजन ना करने की सलाह भी धार्मिक ग्रंथो में दी जाती है।

जय जय गौरी ललन (Jai Jai Gouri Lalan )

जय जय गौरी ललन,
जय जय हो गजवदन,

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