प्राणो से भी प्यारा,
दादी धाम तुम्हारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा,
तूने सबको तारा,
सबका जीवन संवारा,
तेरे बिन कौन दादी,
हम भक्तों का सहारा ॥
अटके कभी जो नैया,
बने तू खिवैया,
कष्ट सभी के काटे,
मेरी मैया,
अंधियारे जीवन का,
माँ तुम ही हो उजियारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा ॥
आंसुओ को मेरे अपने,
आँचल से पोंछे,
ममता लूटाकर मैया,
हाल मेरा पूछे,
नित उठ दादी ध्याऊँ,
मैं एक नाम तुम्हारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा ॥
प्राणो से भी प्यारा,
दादी धाम तुम्हारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा,
तूने सबको तारा,
सबका जीवन संवारा,
तेरे बिन कौन दादी,
हम भक्तों का सहारा ॥
वो नाव कैसे चले
जिसका कोई खेवनहार ना हो,
बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,
जिनके गले में विषधर काला,
दिवाली के पांचवें दिन मनाए जाने वाले त्योहार लाभ पंचमी का हिंदू धर्म अत्याधिक महत्व है। इस पर्व को गुजरात में विशेष तौर पर मनाया जाता है।
गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के गौ-पालन और लीलाओं की याद दिलाता हैं। गोपाष्टमी दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गोप का अर्थ है "गायों का पालन करने वाला" या "गोपाल" और अष्टमी का अर्थ हैं अष्टमी तिथि या आठवां दिन।