प्रथम गणराज को सुमिरूं, जो रिद्धि सिद्धि दाता है (Pratham Ganraj Ko Sumiru Jo Riddhi Siddhi Data Hai)

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


मेरी अरदास सुन देवा,

तू मूषक चढ़ के आ जाना,

सभा के मध्य आकर के,

हमारी लाज रख जाना,

हमारी लाज रख जाना,

करूँ विनती मैं झुक उनकी,

माँ गौरी जिनकी माता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


क्रिया ना मन्त्र मैं जानू,

शरण में तेरी आया हूँ,

मेरी बिगड़ी बना देना,

चढाने कुछ ना लाया हूँ,

चढाने कुछ ना लाया हूँ,

करूँ कर जोड़ नम नम के,

जो मुक्ति के प्रदाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


सुनो शंकर सुवन मुझको,

अबुद्धि ज्ञान दे जाओ,

अँधेरे में भटकते को,

धर्म की राह दिखलाओ,

धर्म की राह दिखलाओ,

‘अनिल’ विनती करे उनकी,

विनायक जो कहाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


जो रिद्धि सिद्धि दाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


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भोले ने जिसे चाहा, मस्ताना बना डाला (Bhole Ne Jise Chaha Mastana Bana Dala)

भोले ने जिसे चाहा,
मस्ताना बना डाला ॥

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ (O Mere Baba Bholenath)

ना मांगू मैं हीरे मोती,
ना मांगू मैं सोना चांदी,

बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)

बजे कुण्डलपर में बधाई,
के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी

गुप्त नवरात्रि 12 राशियों पर प्रभाव

साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।

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