श्याम रंग में रंग गई राधा,
भूली सुध-बुध सारी रे,
राधा के मन में,
बस गए श्याम बिहारी ॥
श्याम नाम की चुनर ओढ़ी,
श्याम नाम की चुडीयाँ,
अंग-अंग में श्याम समाए,
मिट गयी सारी दूरियाँ,
कानो में कुण्डल गल वैजंती,
माला लागे प्यारी रे,
राधा के मन में,
बस गए श्याम बिहारी ॥
बैठ कदम की डाल कन्हैया,
मुरली मधुर बजाए,
साँझ सकारे मुरली के स्वर,
राधा-राधा गाए,
इस मुरली की तान पे जाए,
ये दुनिया बलिहारी,
राधा के मन में,
बस गए श्याम बिहारी ॥
अधर सुधा रस मुरली राजे,
कान्हा रास रचाए,
कृष्ण रचैया राधा रचना,
प्रेम सुधा बरसाए,
प्रेम मगन हो सब ही बोलो,
जय हो बांके बिहारी,
राधा के मन में,
बस गए श्याम बिहारी ॥
श्याम रंग में रंग गई राधा,
भूली सुध-बुध सारी रे,
राधा के मन में,
बस गए श्याम बिहारी ॥
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ महीना साल का ग्यारहवां महीना है। यह महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत खास होता है। हिंदू धर्म में इस महीने को बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान लोग भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा करते हैं।
महाकुंभ 2025 का 13 जनवरी से शुभारंभ हो रहा है। प्रयागराज में इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नागा साधुओं के अखाड़े धीरे-धीरे संगम क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं, जबकि श्रद्धालुओं का आगमन भी शुरू हो चुका है।
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फरवरी, साल का दूसरा महीना, अपनी छोटी अवधि के लिए जाना जाता है। इसमें ज्यादातर 28 दिन होते हैं, लेकिन हर चार साल में आने वाले लीप वर्ष में ये 29 हो जाते हैं।