राधे ब्रज जन मन सुखकारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम
मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल,
गल वैजयंती माला,
चरणन नुपर रसाल,
राधे श्याम श्यामा श्याम ॥
सुन्दर वदन कमल-दल लोचन,
बांकी चितवन हारी,
मोहन वंशी विहारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम ॥
वृन्दावन में धेनु चरावे,
गोपीजन मन हारी,
श्री गोवेर्धन धारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम ॥
राधा कृष्ण मिली अब दोऊ,
गौर रूप अवतारी,
कीर्तन धर्म प्रचारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम ॥
तुम बिन मेरा और ना कोई,
नाम रूप अवतारी,
चरणन में बलिहारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम,
नारायण बलिहारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम ॥
सारी दुनियां है दीवानी,
राधा रानी आप की,
सारी दुनिया में आनंद छायो,
कान्हा को जन्मदिन आयो ॥
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
अमावस्या का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है। सोमवार को पड़ने की वजह से इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दौरान पितरों की पूजा होती है। दिसंबर माह में सोमवती अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर 2024 को है।