नवीनतम लेख
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
कहाँ तेरा ससुराल तुलसा,
कौन तेरे भरतार ।
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
नीलगगन हैं पिता हमारे,
भागीरथी हैं मात ।
वृंदावन ससुराल हमारी,
सांवरिया भरतार ।
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
बलदाऊ हैं जेठ हमारे,
मात यशोदा सास ।
नंद बाबा हैं ससुर हमारे,
ननद सुभद्रा मात ।
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
तुम तो राधे बगल विराजे,
सुबह सींचे सब नार ।
मेरे बिना हरि भावे ना भोग,
मेरी पड़े दरकार ।
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
हर की में पटरानी कुहाऊँ,
हरी मेरे धन भाग ।
यही है बहना परिचय मेरा,
हरी है मेरे सुहाग ।
राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।