राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये
राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये ।
रब ने सानू अंखिया दीतियाँ
अंखिया दीतियाँ अंखिया दीतियाँ
दर्शन पांदे रहिए
दर्शन पांदे रहिए
लगदे नहीं रुपये
राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये
रब ने सानू हाथ वी दितते
हाथ वी दितते हाथ वी दितते
ताली बजाते रहिए
ताली बजाते रहिए
लगदे नहीं रुपये
राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये
रब ने सानू पैर वी दितते
पैर वी दितते पैर वी दितते
नाच दे टपदे रहिए
नाच दे टपदे रहिए
लगदे नहीं रुपये
राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये
सनातन धर्म में सूर्य देव हमारे आराध्य और साक्षात देवता के रूप में पूजे जाते हैं। नवग्रह में शामिल, ऊर्जा और प्रकाश के देवता सूर्य की आराधना का विशेष महत्व हमारे शास्त्रों में वर्णित है।
नारियल या श्रीफल हिंदू धर्म के सभी धार्मिक आयोजनों, अनुष्ठानों और पूजा पाठ की सामग्री का सबसे अहम हिस्सा है। कोई भी शुभ कार्य हो सबसे पहले नारियल चढ़ाने से ही उसका आरंभ किया जाता है।
पीपल का वृक्ष कितना पावन पवित्र और महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गीता में श्री कृष्ण ने स्वयं की तुलना वृक्षों में पीपल के साथ वृक्ष से की है।
भारत के पौराणिक, धार्मिक और प्राचीनतम तीर्थ स्थलों में बद्रीनाथ धाम मंदिर का स्थान बहुत ही खास है। इसे हिंदू धर्म के चार धामों में से सबसे बड़ा धाम माना गया है। इस चमत्कारी और दिव्य धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन को आते हैं।