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रहे संग तेरा नाम प्रभु हर पल मेरे जीवन में(Rahe Sang Tera Naam Prabhu Har Pal Mere Jeevan Mein)

रहे संग तेरा नाम प्रभु हर पल मेरे जीवन में(Rahe Sang Tera Naam Prabhu Har Pal Mere Jeevan Mein)

रहे संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में,

नही पल कोई ऐसा हो,

जिस पल तू ना हो मन में

रहें संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में ॥


नादान हूँ मैं निर्गुण,

बस गुण यही पाया है,

तेरे नाम के मोती से,

जग अपना सजाया है,

यूँ ही तेरे नाम रतन,

बरसे मेरे आंगन में,

रहें संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में ॥


जब बंद करूँ आँखे,

मन मेरा चहकता है,

अहसास तेरा भगवन,

सांसो में महकता है,

खुशबु ये बनी रहे,

मेरे मन मधुबन में,

रहें संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में ॥


अपनो के छल से जब,

अंतर ये झुलस जाता,

तेरे नाम के चिंतन से,

मन शीतल हो जाता,

‘अंकुश’ ये शीतलता,

रहे अब अंतर्मन में,

रहें संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में ॥


रहे संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में,

नही पल कोई ऐसा हो,

जिस पल तू ना हो मन में

रहें संग तेरा नाम प्रभु,

हर पल मेरे जीवन में ॥

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मकर संक्रांति पुण्य काल

2025 में, मकर संक्रांति विशिष्ट योग में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान-ध्यान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।

माघ महीने में कब और क्यों मनाई जाती है कुंभ संक्रांति?

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करते हैं। सूर्य देव के इस राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। हर संक्रांति का अपना खास महत्व होता है और इसे धूमधाम से मनाया जाता है।

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

पहली बार सकट चौथ करते समय इन बातों का ध्यान रखें

हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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