रखवाला प्रतिपाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला,
कदम कदम पर रक्षा करता,
कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला,
रखवाला प्रतिपाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
निशदिन तेरा ध्यान लगाऊं,
जपूँ आपकी माला,
धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ,
धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ,
पड़े ना यम से पाला,
रखवाला प्रति-पाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
मन मंदिर में वास करो प्रभु,
ओ अंजनी के लाला,
पापों का मेरे नाश करो तूम,
पापों का मेरे नाश करो तूम,
बनके दीनदयाला,
रखवाला प्रति-पाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
लाल सूरत मेरे मन को मोहे,
शीश पे मुकुट विशाला,
कानन कुण्डल तिलक विशाला,
कानन कुण्डल तिलक विशाला,
गल मोतियन की माला,
रखवाला प्रति-पाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
राम सिया तेरे मन सोहे,
अजर अमर तेरी माया,
घर घर होवे पूजा तेरी,
घर घर होवे पूजा तेरी,
सिया सुध लाने वाला,
रखवाला प्रति-पाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े धरणी पर,
वैद्य बुलाकर लाया,
आज्ञा पा संजीवन लाने,
आज्ञा पा संजीवन लाने,
पवन वेग से चाला,
रखवाला प्रति-पाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
रखवाला प्रतिपाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला,
कदम कदम पर रक्षा करता,
कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला,
रखवाला प्रतिपाला,
मेरा लाल लंगोटे वाला ॥
पापांकुशा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है।
शरद पूर्णिमा के बारे में कहा जाता है कि इस दिन रात को चंद्रमा की रोशनी से अमृत बरसता है। अश्विन मास की पूर्णिमा का ये दिन शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है।
वाल्मीकि जयंती अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इसे शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
हर साल अपने सुहाग की सलामती के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। ये व्रत निर्जला रखा जाता है, जिसकी शुरुआत सुबह सरगी खाकर की जाती है।