राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,
जब तुझे श्री हनुमान,
जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
राम और श्याम को,
बजरंगी बड़े प्यारे,
योद्धा है कन्हैया के,
राम के दुलारे,
चाहे जो बजरंगी,
राम श्याम जी मिलेंगे,
चाहे जो बजरंगी,
राम श्याम जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
निर्बल के बल मेरे,
वीर बजरंगी,
दुःख में हमेशा बने,
दुखियों के संगी,
प्रेम से पुकारो उस,
पल ही मिलेंगे,
प्रेम से पुकारो उस,
पल ही मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
राम को पुकारो चाहे,
श्याम को निहारो,
दोनों के लिए तो,
हनुमान को पुकारो,
‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,
पल में टलेंगे,
‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,
पल में टलेंगे,
जब तुझे श्री,
हनुमान जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,
जब तुझे श्री हनुमान,
जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे ॥
हिन्दू धर्म में लक्ष्मी पंचमी का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्यवसायी और व्यापारियों को अपने दुकान पर माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
लक्ष्मी पंचमी का पर्व विशेष रूप से व्यापारियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधिवत रूप से माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त होती है।
विनायक चतुर्थी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
लक्ष्मी पंचमी का त्योहार मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।