राम जपते रहो, काम करते रहो ।
वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।
अगर लगन सच्ची, भगवन से लग जायेगी ।
तेरे जीवन का नक्शा, बदल जायेगा ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
लाख चौरासी भ्रमण, किया दुख सहन ।
पाया मुश्किल से तब, एसा मानुष तन ।
राह चलते चलो कर किसी की नजर ।
पैर नाजुक है नीचे फिसल जायेगा ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
कौल तूने किया, मैँ करूँगा वफ़ा ।
पर गया भूल कुछ, ना कमाया नफा ।
आके मस्ती में तू, मूलधन खा गया ।
आखिरी में तेरा, सर कुचल जायेगा ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
खैर बीती जो, अब संभालो जरा ।
प्रेम गदगद हो, आँसू निकालो जरा ।
वो दया पात्र हरी का, भरो नीर से ।
भरते भरते एक दिन, छलक जायेगा ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
छोड़कर छल कपट, मोह माया जतन ।
लौ प्रभू से लगाना, जगदम्बा शरण ।
मोम सा है ज़िगर, इन दयासिंधु का ।
असर पड़ते ही फौरन, पिघल जायेगा ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
वक्त जीवन का, यूँही निकल जायेगा ।
अगर लगन सच्ची, भगवन से लग जायेगी ।
तेरे जीवन का नक्शा, बदल जायेगा ।
राम जपते रहो, काम करते रहो ।
है हारे का सहारा श्याम,
लखदातार है तू ॥
हनुमान जी की पूजा में विशेष मंत्रों और नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन की शुरुआत गणपति वंदना से होती है, जिसके बाद हनुमान जी को स्नान, वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।
है मतवाला मेरा रखवाला,
लाल लंगोटे वाला,
काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी,